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सोमवार, 9 मई 2011

परिवार नियोजन कुछ ऐसे भी

हमारे देश में बढती आबादी का बोझ देश के विकास में अवरोध उत्पन्न कर रहा है. विकसित देश के लिए शायद अधिक आबादी की समस्या से भी अधिक जनता की गरीबी की समस्या अधिक है.अक्सर गरीबों के यहाँ संतान अधिक होती है, जो आगे बढ़ कर अशिक्षित अवं गरीबों की संख्या बढ़ाते हैं और देश पर बोझ बनते जाते हैं. यदि इस वर्ग को परिवार नियोजन को इनकी समृद्धि के सन्देश के रूप में प्रेरित किया जाय तो आमिर और गरीब के बीच खाई को कम करने में सहायता मिल सकती है.
इस सन्दर्भ में कुछ सुझाव मेरे भी हैं जो निचे दिए जा रहे हैं.
**सरकार अनेक कार्यक्रम गरीब परिवारों एवं गरीबी की रेखा से नीचे के परिवारों के लिए चलाती रहती है यदि जिस परिवार में एक विशेष दिनांक के पश्चात् परिवार में दो बच्चों से अधिक बच्चे जन्म लेते हैं तो उस परिवार की सभी सरकारी सुवधाएँ ख़त्म कर देनी चाहिए .
***सरकारी कर्मी के परिवार में दो से अधिक संतान होती है तो उसकी दो के अतिरिक्त संतान के लिए जुरमाना लगाया जाय या विभागीय दंडात्मक कार्यवाही की जाय
***किसी भी कौम को एक से अधिक औरत रखने की इजाजत न हो और इसका सख्ती से पालन किया जाय
***जिस गरीब परिवार में मात्र एक संतान हो उसे सरकार की ओर से अतिरिक्त लाभ दिए जाएँ
***बंगला देश से अथवा किसी अन्य देश से आये अवैध व्यक्तियों की पहचान कर देश बहार किया जाय.
***हमारे समाज में परिवार नियोजन को लेकर अनेक भ्रांतियां व्याप्त है, जैसे संतान इश्वर की देन है, या औलाद अल्लाह का वरदान है, परिवार नियोजन अपनाना इश्वर के विरुद्ध है. आदि आदि.इन भ्रांतियों को शिक्षा के द्वारा दूर किया जाना चाहिए.
*** निःसंतान दम्पतियों को कोई बच्चा गोद लेने के लिए प्रेरित किया जाय न की किराये की कोख का साधन

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