Powered By Blogger

बुधवार, 15 दिसंबर 2010

जरा सोचिये (नारी समाज)संख्या 5


मेरे नवीनतम लेखों को पढने के लिए विजिट करें.  WWW.JARASOCHIYE.COM
प्रारंभ अप्रैल 2016
  • हमारे देश में नारी उत्थान के लिए अनेक स्वयंसेवी संस्थाएं एवं सरकारी संस्थाएं कार्यरत हैं.परन्तु आज भी नारी ही नारी की सबसे बड़ी दुश्मन बनी हुई है।तो नारी कल्याण कैसे हो.

  • विवाह एवं फेरो के अवसर पर कन्यादान की रस्म निभाई जाती है। क्या कन्या या लड़की कोई जानवर है जिसे दान में दे दिया जाता है,अथवा दान देने का उपक्रम किया जाता है.क्या यह नारी जाति का अपमान नहीं है।

  • धर्म के ठेकेदारों ने पुरुष प्रधान समाज की रचना कर महिलाओं को दोयम दर्जा प्रदान किया । उनकी सारी खुशियाँ इच्छाए,भावनाए,पुरुषों को संतुष्ट करने तक सिमित कर दी गयी।

  • महिलाओं के स्वतन्त्र अस्तित्व की कल्पना करना आज भी संभव नहीं हो पा रहा है।

  • निम्न आय वर्ग एवं माध्यम आय वर्ग में ही परम्पराओं के नाम पर महिलाओं के शोषण जारी है। समाज के ठेकेदारों का उच्च आय वर्ग पर जोर नहीं चलता. अतः नारी पूर्ण रूपेण सक्षम हो चुकी है।

  • सिर्फ सरकार द्वारा बनाये गए कानूनों से नारी कल्याण संभव नहीं है,समाज की सोच में बदलाव लाया जाना जरूरी है,साथ ही प्रत्येक महिला का शिक्षित होना भी आवश्यक है.

कोई टिप्पणी नहीं: