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शुक्रवार, 17 दिसंबर 2010

ऑनर किलिंग

आज आम भारतीय नागरिक अपने देश के विकास एवं उपलब्धियों को पाकर काफी उत्साहित है.और अपने देश को विकसित देश की श्रेणी में देखने की कल्पना कर रहा है.परन्तु हमारे देश में एक समाज आज भी विद्यमान है जो सगोत्रीय विवाह,अंतरजातीय विवाह,अथवा समलैगिक विवाह जैसे मुद्दों पर उलझ जाता है.जिसे अपने परिवार के मान सम्मान एवं परम्पराओं की अधिक फ़िक्र है.जो संस्कारों के नाम पर हिंसा को भी उचित ठहरता है.हद तो तब हो जाती है। जब कोई माता पिता ,भाई जिसने अपने बच्चे को ऊँगली पकड़ कर चलना सिखाया,पढ़ा लिखा कर बड़ा किया,उसकी ख़ुशी के लिए स्वयम कोल्हू का बैल बन कर कार्य किया, परन्तु वही बेटा या बेटी जब आपकी मर्जी के विरुद्ध या परम्पराओ के खिलाफ विवाह करने की बात करता है,या विवाह कर लेता है,तो उसे मौत की सुला दिया जाता है,उसे प्रताड़ित किया जाता है। अपने तथाकथित सम्मान के लिए उससे जीने का अधिकार भी छीन लिया जाता है।

अनेक खाप पंचायतें उनके इस घिनोने कार्य को समर्थन देकर भी शर्मसार नहीं होती क्योंकि उनके लिए देश के कानूनों से भी ऊपर है परंपरा एवं संस्कार की रक्षा, जिसके लिए वे अपने परिजन को भी सूली पर चढ़ा देते हैं,और फिर स्वयं जीवन भर जेल की सलाखों के पीछे रहने को मजबूर होते हैं.
ओनर किलिंग की कुप्रथा के विरुद्ध प्रत्येक बुद्धिजीवी को संघठित रूप से आना चाहिए.ताकि समाज में व्याप्त जंगलराज को समाप्त किया जा सके. इस परंपरा के विरोध में जनजागरण अभियान चलाया जाना चाहिए. विशेषकर प्रेस एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया को आगे आना चाहिए और प्रभावशाली तरीके से प्रचार प्रसार कर, विशेषकर देहातों में जन समर्थन जुटाना चाहिए.न्याय प्रक्रिया,भी दहेज़ विरोधी अभियान की भांति सख्त होनी चाहिए,ताकि गुनाहगार त्वरित रूप से पकडे जा सकें,और सजा पा सकें,. ओनर किलिंग को समर्थन देने वालों को भी जेल की हवा खिलानी चाहिए.

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1 टिप्पणी:

ashutoshda ने कहा…

आदरनिये अग्रवाल साहेब , ओनर किलिंग महत्वपूर्ण विषय है ! आम तोर पर मानसिक रूप से कुंठित लोगो द्वारा की गयी इस तरह की प्रतिक्रिया समाज में विकराल रूप धारण कर चुकी है और इस पर कुछ कठोर नियम और कठोर दंड का प्रस्तावित होना अवश्यक है
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