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मंगलवार, 8 मार्च 2011

अतिक्रमण की समस्या

आज अतिक्रमण की समस्या शहरों,कस्बों की मुख्य समस्या में से एक है.जिसके कारण प्राय हर शहर में कहीं न कही जाम की समस्या से जनता को जूझना पड़ता है.परन्तु क्यों? जब भी कोई मकान या दुकान निर्माण रत होती है तो नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी कहाँ रहते हैं? अवैध निर्माण उनकी जानकारी के बिना संभव नहीं है। या तो वे अपनी कमाई कर अनदेखी करते हैं,या वे अपनी जिम्मेवारी निभाने में लापरवाही करते हैं। दोनों ही स्तिथि में वे दोषी हैं.परन्तु उच्च अधिकारी उनकी लापरवाही के लिए उन्हें दण्डित क्यों नहीं करते?जिस अधिकारी के कार्यकाल में कोई अवैध निर्माण किया गया हो उसे तोड़ने का खर्च उससे दंड के रूप में बसूला जाना चाहिए और विभागीय कार्यवाही अलग से की जाय। सिर्फ अतिक्रमण कर्ता ही क्यों जिम्मदार माना जाये?
यदि निर्माण करते समय ही समर्थ अधिकारी उसकी वैधता की जाँच कर ले तो अवैध निर्माण कैसे हो सकता है?
दुकानदारों को अपना सामान फैला कर जाम के लिय जिम्मवार को दण्डित करने के लिए उसकी फोटोग्रफी कर उपयुक्त जुरमाना वसूला जाये। ठेले वाले जाम लगाते मिलें तो ड्यूटी पर तैनात पुलिस वाले को दंड दिया जाय। क्योंकि बिना उसकी सहमति के ठेले वाले जाम की स्तिथि पैदा नहीं कर सकते।
मकान या दुकान निर्माणकर्ता से निर्माण कार्य की सूचना सक्षम अधिकारी को विधिवत रूप से दी जनि आवश्यक कर दी जानी चाहिए। और निर्माता से शपथ पत्र लिया जाय की वह पास किय गए नक़्शे के अनुसार ही निर्माण कार्य करेगा।
इस प्रकार शहर को जाम मुक्त रखने में काफी हद तक सफलता मिल सकती है.

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