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रविवार, 20 मार्च 2011

रेडियशन की चुनौती

जिस प्रकार जापान में रेडियो एक्टिव धर्मिता यानि रेडियेशन ने मानव जीवन के लिए खतरा उत्पन्न कर दिया है। जहाँ पानी एवं दूध के साथ साथ सभी खाद्यपदार्थ रेडियशन से प्रदूषित हो चुके हैं। करोड़ों इंसानों के वर्तमान एवं भावी जीवन पर प्रश्नचिन्ह लग गए हैं, एक गंभीर विषय बन गया है। आधुनिकता की दौड़ में हमने स्वयं अपने लिए कितने जोखिम उत्पन्न कर लिए है।
आज अनेक देशों के पास एटम बमों का जखीरा भरा पड़ा है, कभी भी कोई सनकी उनका प्रयोग कर मानवता के साथ खिलवाड़ कर सकता है। इसके अतिरिक्त सभी देशों में एटोमिक पावर प्लांट चल रहें हैं। अतः जापान जैसी विपदा से कोई भी देश कभी भी जूझने को मजबूर हो सकता है। यद्यपि वैज्ञनिकों ने एटोमिक प्लांट कर्मियों के लिए रेडियशन से बचने और उनके खाद्य सामग्री को प्रदूषित होने से बचाने के उपाय कर रखे होंगे. परन्तु अब आवश्यकता है आम जनता के लिए रेडियशन मुक्त खाद्य पदार्थों की पेक्किंग की व्यवस्था की जाये ताकि भविष्य में कभी भी कोई जापान जैसी गंभीर स्तिथि आए तो जनता को असहज स्तिथि से न जूझना पड़े। और खाने पीने की व्यवस्था बनी रहे,दूध मुहे बच्चे काल के गाल में जाने से बच सकें। अन्य बचाव साधन भी पहले से उपलब्ध कराए जायं, और जनता को प्रशिक्षण देकर जागरूक किया जाये.

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