एक ऐसी छोटी सी बात जिसने मेरे
विचार श्रृंखला को सुधारने और सकारात्मक बनाने
में बहुत मदद की है.मुझे पूरी उम्मीद है कि ये आपके लिए भी उतना ही लाभदायक होगा.
ऐसा मैं इसलिए भी कह पा रहा हूँ कि क्योंकि इसे समझना बहुत ही आसान है.और इसे जीवन में
लागू करना भीआसान है.हमारा दिमाग विचारों का
निर्माण करने वाली एक फैक्ट्री है.इसमें हर समय कोई न कोई विचार पैदा होता रहता है
और इस काम को करने के लिए हमारे पास दो बड़े आज्ञाकारी सेवक होते है. और ये अपना काम
करने में पूर्णतया सक्षम हैं.
इनमे एक सेवक का नाम है
श्रीमान विजय और दुसरे सेवक का नाम है श्रीमान पराजय.श्रीमान विजय का कार्य होता
है आपके आदेश मिलते ही सकारात्मक विचारों का निर्माण करना और दुसरे का काम है आपका
आदेश मिलते ही नकारात्मक विचारों का निर्माण करना.और ये दोनों सेवक आपके आदेश के
तुरंत बाद अपने कार्य पर लग जाते हैं.
श्रीमान विजय आपको बताने
का विशेषग्य है की आप किस प्रकार सफल हो सकते हैं.जबकि श्रीमान पराजय यह बताने में
पारंगत है की आप क्यों असफल हो सकते है?
जब आप सोचने लगते है की
मेरा जीवन क्यों अच्छा है तो श्रीमान विजय आपके लिए अच्छे अच्छे विचार उत्पन्न
करने लगते है.जो आपके जीवन से ही निकल कर आते है.जैसे की मेरे पा एक अच्छा परिवार
है,मुझे चाहने वाले अनेक अच्छे लोग मौजूद हैं. मैं आर्थिक रूप से सक्षम हूँ ताकि
अपना जीवन खोशी से बिता सकूं.और जो मैं चाहता हूँ कर पा रहा हूँ इत्यादि.
और यदि आप सोचते हैं की
मेरा जीवन अच्छा क्यों नहीं है तो श्रीमान पराजय आपकी बात को सही साबित करने के
लिए विचार श्रृंखला उत्पन्न करने में व्यस्त हो जाते हैं.और आपके समक्ष नकारात्मक
विचारों का जखीरा लाकर खड़ा कर देते हैं.जैसे की मैंने अपने जीवन में कुछ विशेष
उपलब्धि प्राप्त नहीं कर सका.मेरा कार्य अर्थात नौकरी कारोबार मेर्री योग्यता के
अनुरूप नहीं है या नहीं रही.मेरे साथ जीवन में हमेशा बुरा ही होता है.इत्यादि
ये दोनों सेवक जी जान से
आपकी बात का समर्थन करते हैं.अब यह आपके ऊपर निर्भर करता है की आप किसे काम पर
लगाते है?यह पर यह बात ध्यान देने योग्य है जिसे आप अधिक काम पर लगायेंगे वह नित्य
ताकतवर होता जायेगा और धीरे धीरे आपके विचारों की फैक्ट्री पर पूर्णतया कब्ज़ा जमा
लेगा और दूसे सेवक को कमजोर कर देगा उसे निकम्मा कर देगा.अब यह आप पर निर्भर है की
किसे आप अधिक काम पर लगाना चाहते हैं किसे
अपने विचारों का साम्राज्य सौंपना चाहते
है.
यदि अपने जीवन को सुखी
देखना चाहते हैं तो श्रीमान विजय को ही काम पर लगाईये.यदि श्रीमान पराजय को अधिक
कार्य मिलने लगता है तो तुरंत श्रीमान विजय को बुला कर सकारात्मक विचार पैदा करने
के लिए कहिये.और अपने विचारों को सकारात्मक बनाईये.और जीवन में खुशहाली उत्पन्न
कीजिये.
उदहारण के तौर पर यदि किसी
प्रिय व्यक्ति से संबंधों को लेकर आपका मूड ख़राब है तो तुरंत सोचना शुरू कीजिये की मुझे चाहने वाले कितने अच्छे अच्छे
लोग है? बस शेष काम श्रीमान विजय कर देंगे वह आपको जीवन के सुखद अनुभवों को गिनाने
लगते है और आप पाएंगे की अच्छे विचार मन
में आते ही आपके प्रिय व्यक्ति से सम्बन्धों में सुधार आने लगता है.आपके अच्छे विचारों के कारण आपका प्रिय
व्यक्ति भी आपके लिए सहज हो जायेगा.
कभी भी जब आपके मन में
नकारात्मक विचार हावी होने लगें तुरंत उसके विरुद्ध एक अच्छे विचार पर गौर करिए और
विचारों का रुख बदल डालिए.आपकी बहुत सारी समस्याएं तुरंत हल हो जाएँगी.
(वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं पर आधारित पुस्तक “जीवन संध्या” अब ऑनलाइन फ्री में उपलब्ध है.अतः सभी पाठकों से अनुरोध है www.jeevansandhya.wordpress.com पर विजिट करें और अपने मित्रों सम्बन्धियों बुजुर्गों को पढने के लिए प्रेरित करें और इस विषय पर अपने विचार एवं सुझाव भी भेजें. )
मेरा इमेल पता है ----satyasheel129@gmail.com
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