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शनिवार, 9 मई 2015

साइबर क्राईम समाज को दीमक की भांति चाट रहे हैं


    गत दो दशक से सोशल साइट्स नित्य समाज में अपनी बढ़त करती जा रही हैं. परिणाम स्वरूप आज का युवा अपना बहुत बड़ा समय इस साइट्स पर ही बिताने लगा है.उसकी दिनचर्या का मुख्य हिस्सा बनता जा रहा है.इन सोशल साइट्स से अनेक प्रकार के लाभ हैं, आज हम हजारों किलो मीटर दूर बैठे अपने मित्र या रिश्तेदार से बात कर सकते हैं अपने सन्देश,समाचार उन्हें भेज सकते हैं. अनेक जानकारियों का आदान प्रदान इनके माध्यम से संभव हो सका है. अपने कारोबार भी इनके सहायता से आसान हो गए हैं.हम अपने चहेते कलाकार,नेता,या मनपसंद दुनिया के किसी व्यक्ति से सीधे संपर्क बना सकते हैं उनके बारे में जान सकते हैं उन्हें समझ सकते हैं. परन्तु जहाँ इसके अनेक लाभ हैं तो इसके अनेक प्रकार से नुकसान भी नजर आने लगे हैं.अनेक शातिर लोग इन साइट्स का दुरूपयोग भी कर रहे हैं और समाज को जाने अनजाने चूना लगा रहे हैं. अनेक बार तो पीड़ित व्यक्ति को भारी हानि हो जाने के पश्चात् आभास हो पाता है, की उसके साथ किसी ने धोकेबाजी की है.
    जनता को जागरूक करने के लिए चीटर लोगों द्वारा अपनाये जा रहे कुछ हथकंडे नीचे  प्रस्तुत किये जा रहे हैं;
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1.    







1,कुछ लोग अपनी जालसाजी को अंजाम देने के लिए एक फर्म बनाते हैं, जिसे सर्वे करने वाली फर्म घोषित करते हैं. और सर्वे का जबाब देने अर्थात सर्वे को भरने के लिए कुछ धन भुगतान करने की तथाकथित व्यवस्था करते है.इस प्रकार से अपने विज्ञापन पढने वालों की संख्या बढाई जाती है और कमाई में बढ़त की जाती.और बाद में भुगतान के नाम पर टाल मटोल की जाती है. और अंतराल के बाद फर्म ही बंद कर दी जाती है.इस प्रकार लालच के वशीभूत हो कर आम व्यक्ति अपना अमूल्य समय साइट्स पर नष्ट करता है और नतीजा कुछ नहीं मिलता, इंटरनेट का खर्च भी बढ़ा लेता है.कभी कभी तो सर्वे से जुड़ने के लिए (सर्वे के सदस्य बनने के लिए) एक निश्चित राशी भी वसूल की जाती है, और विज्ञापन पढने के बदले में धन देने का झांसा भी दिया जाता है,तथा कथित अर्जित धन एकत्र हो जाने पर भी अनेक व्यवधान बता कर आपके द्वारा अर्जित राशी को देने में बहानेबाजी करते है और आप अपने को ठगा महसूस करते हैं.  
2.    अनेक बार आपको मेल द्वारा सूचित किया जाता है की आपकी लोटरी निकली है,और आप एक मोटी राशि (लाखों पोंड,या लाखों डॉलर,या करोडो रूपए) के मालिक बन सकते हैं,उसके लिए आपको उन्हें अपना पता, मोबाइल नंबर, बैंक खाता संख्या इत्यादि जानकारियां  भर कर भेजनी होती हैं .इस प्रकार से आपको लोटरी का लालच देकर आपसे आपके खाते की जानकारियां प्राप्त कर ली जाती है और आपके खाते पर खतरा छा जाता है.आपके बेंक खाते से उसमें जमा धन राशि हेक कर ली जाती है और आपको पता भी नहीं चलता की यह सब कैसे हो गया.
3.    घर बैठे कमाओ योजना,वर्तमान समय में अनेक युवा,एवं बुजुर्ग बेरोजगार हैं जो चाहते हैं घर बैठे उनके लिए कोई कमाई का जरिया बन जाय,विशेष रूप से इंटरनेट और सोशल साईट में रूचि रखने वाले इस माध्यम को अपनी आमदनी का स्रोत बनाना चाहते हैं.कुछ शातिर लोग जनता की इन्ही मजबूरियों या आवश्यकताओं का लाभ उठाते हैं,और घर बैठे मोटी कमाई की योजना जनता के समक्ष रखते हैं, इच्छुक एवं जरूरतमंद लोग इनके बहकावे में फंसते है, परन्तु कुछ धन और विपुल समय गंवाने के अतिरिक्त कुछ प्राप्त नहीं हो पाता.कुछ विज्ञापन में तो स्पष्ट रूप से बताया जाता है की घर बैठे कमाने के लिए आवश्यक ट्रेनिंग किट के लिए आपको  तीन हजार या पांच हजार देने होंगे और तत्पश्चात उन्हें घर बैठे तीन से पांच हजार रूपए रोज आमदनी होने लगेगी,ऐसी साईट वाले लोग व्यक्ति की न्यूनतम योग्यता भी कोई निर्धारित नहीं करते. क्योंकि उन्हें योग्य व्यक्ति नहीं बल्कि उनकी किट खरीदने वाले की जरूरत होती है.क्या यह संभव है की सिर्फ इंटरनेट खोलने की जानकारी वाला तीन से पांच हजार रूपए कमाने लगे वह भी घर बैठे मात्र दो या तीन घंटे खर्च करके.परन्तु किट बेचने वालों के लिए यह संभव है.जबकि हकीकत यह है सिर्फ साधारण कम्प्यूटर की जानकारी रखने वाले युवा दस से बारह हजार रुपया माह में काम करने  के लिए लाखों युवा पंक्ति लगाये खड़े मिल जायेंगे,फिर कम्पनी को तीन से पांच हजार मात्र दो या तीन घंटे के देने की क्या आवश्यकता हो सकती है.कभी कभी तो विज्ञापन के माध्यम से इतनी धोखाधड़ी भी देखी जा सकती है, विज्ञापन में सिर्फ कमाई का जिक्र करते है कोई ट्रेनिंग किट की कीमत का जिक्र  नहीं होता, सीधे सीधे साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया जाता है.इस प्रकार से पब्लिक को झांसा देकर साक्षात्कार के माध्यम से कमाई का लालच दिया जाता है और साक्षात्कार के बहाने उसकी आर्थिक स्थिति की जानकारी लेकर उसे चयनित कर लेने के लिए बधाई दी जाती है और उसकी आर्थिक स्थिति के अनुसार उससे ट्रेनिंग किट की कीमत वसूल की जाती है.इतनी लम्बी प्रक्रिया से गुजरने के पश्चात् जब उसे ट्रेनिंग किट के लिए धन खर्च करने के लिए आग्रह किया जाता है, तो वह ठगा सा अनुभव करता है और उसे हकीकत का पता चलता की उसको कैसे धोखे में रखा गया और उसका बहुमूल्य समय नष्ट किया गया कम्पनी हमारी कमाई नहीं बल्कि अपनी कमाई के साधन जुटा रही है और हमें धोखा देकर अपनी आय बढ़ा रही है.
    अतः विज्ञापन के झांसे में आने से पहले हमें ठन्डे दिमाग से सोचना होगा आखिर कोई भी कम्पनी उसे इतनी बड़ी आमदनी क्यों कराएगी जबकि मार्किट में बेरोजगारी भरी पड़ी है और कहीं कम पगार लेकर काम करने  तो तैयार बैठे हैं.

4.    अनेक ब्लॉग साईट भी दावा करती हैं की वे अच्छे और लोकप्रिय  ब्लॉग लेखक को कमाई करा सकती है सिर्फ जरूरत है, उस ब्लॉग साईट से जुड़ कर जनता तो सार्थक और लोकप्रिय विषयों पर अपने ब्लॉग बनाने की. ये साईट कितने लोगो को आमदनी कराती हैं यह तो मालूम नहीं,परन्तु अपनी साईट को अवश्य लोकप्रिय बनाकर विज्ञापनों द्वारा अपनी कमाई अवश्य कर लेती हैं.शायद कुछ प्रतिष्ठित कम्पनियां लेखकों को कमाई कराती भी हों.परन्तु अधिकतर कम्पनियां सिर्फ अपनी कमाई करती है विज्ञापन के जरिये.अतः विज्ञापन के झांसे में आने से पहले हमें ठन्डे दिमाग से सोचना होगा आखिर कोई भी कम्पनी उसे इतनी बड़ी आमदनी क्यों कराएगी जबकि मार्किट में बेरोजगारी भरी पड़ी है और कहीं कम पगार लेकर काम करने तो तैयार बैठे हैं.
5.    सहानुभूति अर्जित कर धन पाने की साजिश;अक्सर आपकी मेल में कुछ ऐसी भी मेल आ जाती हैं जिसमें मेल भेजने वाला या वाली अपनी दुःख भरी दास्ताँ बता कर आपको द्रवित कर देंगी और आपसे यथा संभव सहायता की याचना करेंगी/करेंगे. अक्सर कोई भी उनकी दर्द भरी दास्ताँ सुनकर कुछ न कुछ मदद करने को तैयार हो जाता है और अपने इंटरनेट के माध्यम से उसे धन भेज देता है,परन्तु उसे हकीकत का पता नहीं होता.इस प्रकार की मेल पर विश्वास नहीं किया जा सकता.अनेक लोग सिर्फ जनता की उदारता का लाभ उठाते हैं,और अपना धंधा करते हैं.
6.    यह भी संभव है की कोई आतंक वादी अपने कुटिल इरादों को पूर करने के लिए आपका उपयोग करे और जब तक आपको हकीकत पता चले, आप उसके बनाये जाल में फंस चुके होते हैं और देश द्रोही या फिर आतंकवादी घोषित कर दिए जाते हैं. जिस कुचक्र से निकलना आपके  लिए असंभव हो जाता है.अतः अनजान मेल से सावधान रहना आवश्यक है,उसमें उकसाने वाले तथ्यों पर विश्वास करना आत्मघाती हो सकता है.

7.      फर्जी परिचय देकर लुभावने वादे कर विवाह कर लेना;-अक्सर अखबारों में पढने को मिल जाता है की युवक युवती ने इंटरनेट के माध्यम से प्यार हुआ और फिर शादी हो गयी परन्तु शीघ्र ही पता चलता है की दूसरे पक्ष ने अनेक तथ्य छिपाए या झूठ बोले और झांसे  में लेकर शादी कर ली या शादी का झांसा देकर साथ रखा और फिर मझधार में छोड़ दिया.कभी कभी ऐसा भी देखने को मिलता है प्रेमी प्रेमिका के वैध रूप से अपिरिचित होने के कारण एक व्यक्ति युवक या युवती धोखा देकर अपने  साथी का सब सामान समेट कर ले गया या गयी.अज्ञात व्यक्ति को ढूंढ पाना भी असंभव हो जाता है.

8.      अफवाहों के जरिये;अनेक बार देखने सुनने में आया है की सोशल साइट्स पर भडकाने वाली जानकारी डाली गयी,जैसे किसी धर्म विशेष या क्षेत्र विशेष का विरुद्ध,किसी प्राकृतिक आपदा की गलत सूचना इत्यादि  जिसे अग्रसारित कर समाज में भय फैलाया गया. जिसने धार्मिक दंगों का रूप ले लिया,या आम जनता को बेचैन कर दिया उसे भय भीत कर दिया, और अपने कुटिल इरादों को अंजाम दिया.
  उपरोक्त उदहारण तो एक झलक मात्र है रोज नए नए प्रकार से ढोंग अपना कर मेल या सोशल साईट पर आपको धोखा देने की साजिश रची जाती रहती है.अतः हम सभी को इस प्रकार की धोखा देने वाली और अनजान मेल से सावधान रहना अत्यंत आवश्यक है.  


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