प्रारंभ अप्रैल 2016
- किसी भी साधन संपन्न व्यक्ति के समक्ष हम नत मस्तक हो जाते हैं, बिना ये जाने की उसने धन सम्पदा किस प्रकार अर्जित की है। अर्थात उसके आय स्रोत नैतिक हैं या अनैतिक, सामाजिक हैं या असामाजिक।
- मानव जीवन और भी आसान हो जाय यदि पूरे विश्व में एक ही प्रकार की मुद्रा का प्रचलन हो जाय।
- सुरक्षा सेनाये एवं सेन्य सामान रखने की मजबूरी न हो तो किसी भी देश का विकास दुगुनी रफ़्तार से हो सकता है।
- क्या है?मंदिरों में अधिक महत्वपूर्ण घंटे बजाना,पूजा करना, इबादत करना,प्रे करना है या फिर अपने व्यव्हार को इन्सनिअत के दायरे में रख कर संतुलित करना।
- समलैंगिक व्यव्हार एवं सगोत्रीय विवाह जैसे मुद्दों के विवादों में उलझना आवश्यक है,या समाज में व्याप्त नारी शोषण,देश में व्याप्त भ्रष्ट्राचार एवं आतंकवाद जैसे मुद्दों पर जनता को जाग्रत करना.
- समलैंगिक व्यव्हार एवं सगोत्रीय विवाह जैसे मुद्दों के विवादों में उलझना आवश्यक है,या समाज में व्याप्त नारी शोषण,देश में व्याप्त भ्रष्ट्राचार एवं आतंकवाद जैसे मुद्दों पर जनता को जाग्रत करना.