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बुधवार, 29 दिसंबर 2010

जरा सोचिये ३० दिस 2010

  • आज प्याज के बढे दामों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है.प्याज की महंगाई के कारण एक बार केंद्र की सरकार भी गिर चुकी है। आज भी केंद्रीय सत्ता दावं पर लगी हुई है.पता नहीं प्याज भोजन का इतना आवश्यक अंग है,जिसके बिना रसोई का काम नहीं चल सकता। जिसके कारण यह राजनीति का मुख्य मुद्दा बन गया है।
  • नित ने खुल रहे घोटालों के चलते क्या अपना देश विश्व में अपनी साख बचा पायेगा?जिसके बिना देश का विकास संभव नहीं है।
  • क्षेत्रीय पार्टियाँ एवं राष्ट्रिय पार्टियाँ भी आपने स्वार्थ के लिए अन्य प्रदेशों से आए लोगों के विरूद्ध जहर उगल कर कहीं देश के विभाजन को आमंत्रण तो नहीं दे रहे?
  • कट्टर हिंदूवादी पार्टिया हिन्दुओं से अधिक बच्चे पैदा कर हिन्दू आबादी बढ़ने का आह्वान कर रहे हैं। जिस देश की अर्थव्यवस्था पहले से ही आबादी के बोझ से कराह रही है.क्या अब भी आबादी बढ़ाने की सलाह,(सिर्फ मुस्लिमों से प्रतिद्वंद्विता के कारण)आत्महत्या करने जैसा नहीं है.महंगाई के युग में एक या दो बच्चे को अच्छे जीवन स्तर योग्य बना पाना भी कठिन हो रहा है.
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    प्रारंभ अप्रैल 2016
     

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