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गुरुवार, 1 नवंबर 2012

कैसे बने मधुर सास-बहू सम्बन्ध

   किसी भी संयुक्त परिवार में सास एवं बहु अधिकतम समय एक दूसरे के साथ व्यतीत करती हैं,क्योंकि दोनों पर ही घर के कामकाज की जिम्मेदारी होती है. घर में अशांति का मुख्य कारण भी सास एवं बहू के कटु सम्बन्ध होते हैं. इनके मध्य विवादों के कारण अनेक परंपरागत प्रथाएं तो होती ही हैं,अनेकों बार घर की बुजुर्ग महिला यानि सास का अपरिपक्व व्यव्हार भी विवादों का कारण बनता है. सास का आत्मसम्मान उसे तनावयुक्त बना देता है.वह बहू के आगमन को अपने प्रतिद्वंद्वी के आगमन के रूप में देखती है, और उसके आगमन से उसे अपना बर्चस्व घटता हुआ दीखता है. इसी भय की प्रतिक्रिया स्वरूप सास अपनी बहु को नीचा दिखने के उपाय सोचती रहती है. अपने वर्चस्व को बनाये रखने के लिए घर के सारे श्रम साध्य कार्य बहू को सौंप देती है, और अपने आदेशों का पालन करने के लिए दबाव बनाती है.अपना रौब ज़माने के लिए उस पर तानाकशी का सहारा लेती है, उसको अपने प्रभाव में बनाये रखने के लिए अपने बेटे के मन में उसके प्रति जहर भरती रहती है ताकि बहु उसकी कृपा पर निर्भर हो जाये, साथ ही बेटे के मन में अपनी माँ की अहमियत बनी रहे. ऐसे दोगले व्यव्हार के कारण बहु सास के प्रति बागी हो जाती है.और परिवार में तनाव बढ़ने लगता है.दूसरी तरफ दूसरे घर से आने वाली बहु भी अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही होती है.वह भी चाहती है की उसकी बातों का भी परिवार में महत्त्व हो,उसकी इच्छाओं की भी कद्र हो, परिवार के निर्णयों में उसका भी दखल हो.वह भी कहीं न कहीं अपना बर्चस्व बनाने की आकांक्षा रखती है.मुख्तया बर्चस्व की लड़ाई ही सास बहु के बीच टकराव पैदा करती है सास बहु के सम्बन्ध मधुर बने रहने के लिए सास के व्यव्हार में उदारता, धैर्यता,और त्याग का भाव होना आवश्यक है.अपने सभी प्रियजनों को माएके छोड़ कर आयी बहू को प्यार भरा व्यव्हार ही नए परिवार के साथ जोड़ सकता है, उसे अपनेपन का अहसास करा सकता है.और उसके मन में सम्मान और सहयोग की भावना उत्पन्न कर सकता है.बहु को सिर्फ काम करने वाली मशीन न समझ कर परिवार का सम्माननीय सदस्य माना जाये,उसके विचारों ,भावनाओं को महत्त्व दिया जाये,उससे परिवार के विशेष फैसलों में सलाह ली जाय,तो परिवार की सुख शांति बनी रह सकती है.यदि सास घर के सारे काम बहू को न सौंप कर स्वयं भी उसके हर कार्य में सहयोग करती रहे तो उसका स्वयं का स्वास्थ्य भी बना रहेगा और परिवार का वातावरण भी मधुर बना रहेगा. क्योंकि शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए इसे सक्रिय रखना आवश्यक है, निष्क्रिय शरीर जल्द बीमारियों का घर बन जाता है.तो फिर क्यों न काम काज में सक्रिय रह कर अपने शरीर को स्वस्थ्य रखा जाय और परिवार में मधुर वातावरण भी बना रहे.सास का शालीन,धैर्य व् उदारता पूर्ण व्यव्हार,और परिजनों के प्रति त्याग की भावना हो तो अवश्य ही परिवार में सुख और शांति का वास होगा.बहू को अपनी पुत्री के समान प्यार देकर ही सास अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकती है. सास को यह नहीं भूलना चाहिए की वह भी कभी बहू बन कर ही इस परिवार में आयी थी .जो बातें उसे बहु के रूप में अपनी सास की बुरी लगती थीं ,असहनीय लगती थीं,वे बातें अपनी बहू के साथ न दोहराय. कुछ बातें तुम्हारी भी ससुराल वालों ने सहन की होंगी अतः अब तुम्हारी बारी है अपना बड़प्पन दिखने की. छोटी छोटी गलतियों पर उसका अपमान न कर क्षमा करने की प्रवृति होनी चाहिए. जिस प्रकार सास की जिम्मेदारी बड़े होने के नाते बनती है, उसी प्रकार युवा,ऊर्जावान बहू को अपने ससुराल वालों का मन जीतने की आकांक्षा होनी चाहिए. उसे यह भली प्रकार से समझना चाहिए ससुराल में किसी परिजन से (बच्चो को छोड़ कर )उसका खून का रिश्ता नहीं होता, अतः सभी परिजनों के कामकाज में सहयोग देकर ,उनके साथ शालीनता का व्यव्हार कर.उन्हें प्यार और सम्मान देकर ही उनके मन में और परिवार में अपनी जगह बनायीं जा सकती है.पुत्र वधु का कर्तव्य है की वह अपने सास ससुर को माता पिता की भांति स्नेह और सम्मान दे, उनके प्रत्येक कार्य में सहयोग दे. यदि उनके व्यव्हार तानाशाह पूर्ण और अमानवीय नहीं है तो उन्हें पूजनीय मानना चाहिए. उन्हें स्नेह और सम्मान देकर वह अपने पति के दिल को जीत सकती है. एक पत्नी के लिए उसका प्यार उसका पति होता है अतः उसके(पति के) प्यारे यानि उसके माता पिता भी तो पत्नी के प्यारे ही हुए.
 यदि बहु अपने सास ससुर के साथ कुछ निम्न लिखित बातों को अपनाएं तो अवश्य ही वे सबके दिल जीतने में कामयाब हो सकती हैं.
 १,बुजुर्गों के जन्म दिन,विवाह वर्षगाँठ आदि पर उनकी पसंद के फूल अथवा उनकी प्रिय वस्तु भेंट करें जैसे उनके मन पसंद गानों की सी.डी या डी.वी डी.या फिर उनकी पसंदीदा कोई किताब आदि. ऐसे अवसरों पर उन्हें केंडिल डिनर पर ले जाएँ अथवा घर पर उनकी मन पसंद डिश तैयार करें. उनके चहरे पर आने वाली मुस्कान एवं संतोष आपको गौरवान्वित करेगी.और उनके दिलों में आपके लिए प्यार व् स्नेह बढ़ेगा.
 २,थोडा समय निकाल कर परिवार के बुजुर्गों के साथ बैठकर समय व्यतीत करें,उनकी भावनाओं को समझें उनकी शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं को सुनें, उनकी पुरानी यादों को शेयर करें. इस प्रकार से उनके मन का बोझ हल्का होगा. 
३,अपने बच्चों से अपने दादा दादी के साथ समय देने का आग्रह करें.बच्चों को उनके ज्ञान का लाभ मिलेगा, वहीँ बुजुर्ग को परिवार में अपना महत्त्व दिखाई देगा. साथ ही बच्चों की अटपटी हरकतों ,शरारतों से उनका मनोरंजन भी होगा .
 ४,अपने कार्यों एवं व्यव्हार द्वारा उनका दिल जीत कर उनके अनुभवों का लाभ उठा सकती है और परिवार को खुशियों से भर सकती हैं.कठिन परिस्थितियों में भी बुजुर्गों का अनुभव और उनकी सलाह सहायक सिद्ध हो सकते हैं. 
५,जब कभी बुजुर्ग तानाशाही और दखलंदाजी वाली प्रवृति रखते हैं तो विषेश संयम एवं धैर्य का परिचय देना होता है. ऐसे बुजुर्गों के साथ बहस न करें,किसी भी टकराव की स्थिति से बचें और जो भी संभव हो अधिकतम अपने कर्तव्यों का पालन करती रहें. मन को व्यथित करे बिना उनके स्वभाव को उसी प्रकार अपनाने का प्रयास कर अपना व्यक्तिगत पारिवारिक जीवन कलुषित होने से बचाएं. अवांछनीय सन्दर्भों में दूरी बनाने का प्रयास करें. 
जिस प्रकार से बहू के लिए कुछ व्यव्हार परिवार के लिए लाभप्रद हो सकते हैं उसी प्रकार सास के लिए कुछ व्यव्हार परिवार की शांति बनाये रख सकते हैं.जो निम्न प्रकार से हैं.
१, बहु की तानाकशी करने से बचें, कोई त्रुटी नजर आने पर उसे प्यार से समझाएं यदि वह आपकी सलाह को उपयुक्त नहीं मानती तो दोबारा उसे न दोहराएँ.
 २,पोती-पोतों को प्यार दें, उनकी परवरिश में यथा संभव बहू को सहयोग करें.
 ३,घर के कामकाज में अपनी सामर्थ्य के अनुसार सहयोग करें. अपनी उपस्थिति उनके लिए लाभदायक सिद्ध करें. 
४.बहू के माएके वालों का पूर्ण सम्मान करें,प्यार दें,समय समय पर बहू को माएके वालों से मिलने के अवसर प्रदान करें. उसके माएके वालों का अपमान कभी न करें.उनका अपमान का अर्थ है बहू के मन में अपने प्रति कडुवाहट पैदा करना,अपने प्रति सम्मान को कम करना.
५,बहू के माएके से यदि कोई उपहार आता है तो उसे नतमस्तक होकर अपनाएं,उसमें त्रुटियाँ निकाल कर बहू का अपमान न करें.
 उपरोक्त छोटी छोटी बातों का ध्यान रखा जाय तो परिवार का वातावरण सहज, सुखद, एवं शांतिपूर्ण बन सकता है.परिजनों में आपसी प्रेम एवं सहयोग बना रह सकता है.

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